Friday, 6 October 2017

हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल क्या है? और इनसे सावधानियां

 हाई ब्लड प्रेशर 
रोज बदलती दिनचर्या और खान-पान की वजह से लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसमें कि हाई ब्लड प्रेशर एक आम समस्या के रूप में कई लोगों की परेशानी का कारण बनी हुई है। हाई ब्लड प्रेशर एक सामान्य और खतरनाक स्थिति है। हाई ब्लड प्रेशर होने का मतलब है कि आपके शरीर में खून सप्पलाई करने वाली वाहिकाओं में खून का दबाव बढ़ जाता है।

इस दबाव के बढ़ने से आपको दिल की कई बीमारियां और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। सरकारी डेटा की मानें तो लगभग हर 3 अमेरिकी वयस्कों में से एक को या लगभग 75 मिलियन लोगों को आज के समय में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है।

इनमें से केवल करीब 54% लोगों इस स्थिति में हैं कि उनका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में है। अमेरिकियों के लिए मृत्यु के प्रमुख कारणों में से ब्लड प्रेशर को बताया जाता है जिसकी वजह से कई तरह के रोग फैलने का खतरा बना रहता है।

वैज्ञानिकों के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर को एक "साइलेंट किलर" कहा जाता है क्योंकि इसके अक्सर कोई चेतावनी या लक्षण नहीं होते हैं, और बहुत से कम लोगों को यह पता नहीं होता कि उनको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है या नहीं ? यहीं कारण है कि लोग अपने ब्लड प्रेशर की जांच नहीं कर पाते हैं। डॉक्टरों के अनुसार आप कुछ स्वस्थ विकल्प अपनाकर और अपने आस-पास होने वाली किसी भी स्वास्थ्य स्थितियों को ढ़ंग से प्रबंधन करके हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कम कर सकते हैं। इनमें से कुछ निम्न हैं-

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से निजात पाने के लिए स्वस्थ रहने की आदतों का अभ्यास करें।

समय-समय पर चिकित्सकीय निर्देशों का पालन करें और अपने डॉक्टर से चैक-अप कराएं।

कोलेस्ट्रॉल
कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ना आजकल के असंतुलन खानपान की वजह से होना आम सी हो गई है। वैज्ञानिकों के अनुसार लिपोप्रोटीन नामक मॉलीक्यूल्स जो कि खून में कोलेस्ट्रॉल को लेकर जाते हैं। हमारे शरीर में दो महत्वपूर्ण प्रकार के लिपोप्रोटीन पाए जाते हैं।

low-density lipoprotein (LDL)

high-density lipoprotein (HDL)

डॉक्टर जब भी हमारे शरीर में पूरे कोलेस्ट्रॉल की जांच करते हैं तो खून में कोलेस्ट्रॉल की कुल मात्रा को एचडीएल, एलडीएल के नंबर के आधार पर चैक करते हैं। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल शरीर के कोलेस्ट्रॉल का अधिकांश भाग अपने साथ रखता है।

एलडीएल को "खराब" कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है क्योंकि इसके लेवल के बढ़ने से हमारे शरीर में हृदय रोग और स्ट्रोक जैसे खतरे भी बढ़ सकते हैं।

जबकि एचडीएल कोलेस्ट्रॉल पूरे कोलेस्ट्रॉल को अवशोषित कर लेता है और इसे लीवर में वापस ले जाता है, जो शरीर से इसे फ्लस कर देता है। एचडीएल को एक "अच्छा" कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है क्योंकि इसका लेवल बढ़ने से हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम किया जा सकता है।

आप कैसे जान सकते हैं कि आपको कोलेस्ट्रॉल का खतरा है ?

आप कोलेस्ट्रॉल के लेवल की जांच करने के लिए एक सामान्य सा ब्लड टेस्ट करके कर सकते हैं। इस टेस्ट को लिपिड प्रोफाइल कहा जाता है। इसके अलावा कुछ डॉक्टर एक अन्य ब्लड टेस्ट करते हैं जो कि एचडीएल कोलेस्ट्रॉल की जांच भी करता है। हृदय रोग के इलाज के लिए आपको इसके जोखिम को निर्धारित करने लिए टेस्ट करवाना बेहद जरूरी है और इसका इलाज कराने की भी काफी सख्त ज़रूरत है।

किसको कोलेस्ट्रॉल की जांच करने की जरूरत है?

कोलेस्ट्रॉल को ठीक आपके शरीर में ब्लड प्रेशर की तरह ही मॉनिटर किया जाना चाहिए। आपने डॉक्टर से इस बारे में खुलकर बात करें वो ही आपके लिए सबसे अच्छा होगा। 20 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी लोगों को कोलेस्ट्रॉल की जांच करने की आवश्यकता होती है। यदि आप 20 साल या उससे अधिक उम्र के हैं डाक्टरों द्वारा आपको यह सलाह दी जाती है कि आप कोलेस्ट्रॉल का चैक अप हर 5 साल में करा लें।

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